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Chapter 5 - अध्याय 5: सागर की तस्वीर

अध्याय 5: सागर की तस्वीर

अगले दिन सुबह माया जल्दी उठी।खिड़की के बाहर हल्की धूप थी, लेकिन ज़मीन पर अब भी बारिश के निशान बाकी थे।उसने अपनी पेंटिंग टेबल पर एक नया कैनवास लगाया — और सोचना शुरू किया…

"वो पल जब आरव ने मेरा हाथ थामा था… वो बारिश की बूँदें… वो हँसी…"हर याद जैसे रंग बनकर उसकी उँगलियों से बहने लगी।

धीरे-धीरे कैनवास पर समुंदर उभर आया —लेकिन इस बार लहरों के बीच एक चेहरा था।वो चेहरा आरव का था।

माया खुद को रोक नहीं पाई।उसके हाथ काँप रहे थे, लेकिन मुस्कुराहट गहरी थी।शायद उसने पहली बार किसी को दिल से महसूस किया था।

दोपहर में जब वो कैफ़े पहुँची, आरव पहले से वहाँ था।"आज तुम मुस्कुरा रही हो ज़्यादा," उसने कहा।माया बोली, "क्योंकि आज मैंने कुछ ख़ास बनाया है।"

"दिखाओ ना," आरव ने उत्साह से कहा।

माया ने अपना स्केचबुक खोला।उसमें वही पेंटिंग थी — सागर की लहरें, और उनके बीच एक लड़का जो गिटार बजा रहा था।आरव कुछ पल तक बस देखता रहा।

फिर धीरे से बोला,"तुमने मुझे ऐसे देखा… जैसे मैं खुद को कभी नहीं देख पाया।"

माया ने हँसते हुए कहा,"शायद इसलिए कलाकार होते हैं — दूसरों को वो रूप दिखाने के लिए जो वो खुद नहीं देख सकते।"

दोनों के बीच कुछ नहीं कहा गया, पर बहुत कुछ महसूस हुआ।बाहर समुंदर की लहरें ज़ोरों से टकरा रही थीं,जैसे वो भी इस नई कहानी की गूँज सुनना चाहती हों।

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