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Chapter 22 - hosh udd jana

जानवी ने आँश की तरफ़ देखा और फिर एक नज़र जूस को देखा। उसने हाथ से जूस का गिलास लिया और जूस ख़त्म करते हुए बोली, "पी लिया ना? अब जाओ यहाँ से।"

आँश जानवी को जूस पीते देख खुद से बोला, "लेकिन मैंने तो खुद जानवी को इसमें कुछ मिलाते हुए देखा था। वह क्या था? क्या इस जूस में सच में...?" जानवी ने कुछ नहीं मिलाया था।

यह सोच आँश बिना जानवी को कुछ कहे किचन से बाहर जाने लगा, कि तभी उसे एक धीमी आवाज़ सुनाई दी। यह सुनकर आँश के क़दम वहीं रुक गए।

पीछे मुड़कर देखता है तो जानवी उस वक़्त ज़मीन पर गिरी पड़ी थी।

यह देख आँश दौड़कर जानवी के पास गया और उसके गालों को थपथपाते हुए बोला, "Get up Janvi, उठो अगर तुम मज़ाक कर रही हो तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। जानवी..." यह कहते हुए आँश जल्दी से जानवी की नब्ज़ चेक करता है, जो कभी धीमी चल रही थी।

यह महसूस कर आँश जल्दी से जानवी को अपनी बाहों में लेकर किचन से बाहर आया, कि तभी उसकी माँ जानवी को आँश की बाहों में बेहोश देख घबराते हुए बोली, "इसे क्या हुआ आँश?"

आँश जानवी को बाहर ले जाते हुए बोला, "Mom relax, मैं घर वापस आकर आपको सब बताता हूँ। आप बस दादी का ध्यान रखना, उन्हें नहीं पता चलना चाहिए इसके बारे में।" यह कह आँश जानवी को कार में बैठाकर हॉस्पिटल की तरफ़ ले गया।

आँश जल्दी से जानवी को एडमिट कराकर डॉक्टर के बाहर आने का इंतज़ार करने लगा।

कुछ घंटे बाद डॉक्टर जानवी के रूम से बाहर आते हैं। इसे देख आँश जल्दी से डॉक्टर के पास गया और बोला, "मुझे बताओ जानवी को क्या हुआ है और उसने ऐसा क्या खाया है जिससे उसकी ऐसी हालत हो गई?"

डॉक्टर आँश की बात सुन उसे सब कुछ बता देते हैं। यह सुन आँश शॉक हो जाता है। उसे तो समझ नहीं आ रहा था कि जानवी ऐसा कैसे कर सकती है। क्या वह पागल थी? वह एक बार मुझसे बात करती तो सही।

यह सब पर विचार करते हुए आँश वहीं पास में पड़े टेबल पर बैठ जाता है और फिर अपने सर पर हाथ रखकर बोला, "जाने तुम ऐसा कैसे कर सकती हो?"

अब आँश काफ़ी टेंशन में लग रहा था। आँश को देखकर यह बताना मुश्किल था कि आँश इस वक़्त क्या सोच रहा होगा।

और इधर जानवी अब भी बेहोश थी क्योंकि जानवी पहले से ही काफ़ी कमज़ोर थी क्योंकि जानवी ने कुछ हफ़्ते पहले ही अपनी नस काटी थी जिस वजह से उसकी ऐसी हालत नहीं थी कि वह दोबारा कोई ऐसा ज़ख़्म अपने ऊपर ले सके।

और ऐसे ही पूरा दिन बीत चुका था, लेकिन अब भी जानवी को होश नहीं आया था।

लगभग रात के 9:00 बजे जानवी को होश आता है और जानवी अपना सर पकड़ धीरे-धीरे आराम से बेड पर बैठ जाती है।

कि तभी उस रूम में एक नर्स आती है और जानवी को देख जानवी के आगे सूप रखते हुए बोली, "मैम इसे जल्दी से पीजिये क्योंकि अभी आपको दवाई भी लेनी है।"

जानवी नर्स को एक नज़र देख उस सूप को पीने लगती है क्योंकि जानवी ने सुबह से कुछ नहीं खाया था जिस वजह से जानवी को बहुत भूख लगी थी। वह इसलिए चुपचाप बिना कुछ कहे सूप को पी लेती है और कुछ देर बाद नर्स जानवी को मेडिसिन खिलाकर वहाँ से चली जाती है।

नर्स के जाते ही जानवी भी मेडिसिन खाकर आराम से बेड पर लेट जाती है और इस वक़्त जानवी की आँखों से नींद कोसों दूर थी। उसे तो बस यही ख़्याल आ रहा था कि क्या आँश यहाँ नहीं है? आज सुबह क्या हुआ होगा? क्या आँश उसे फिर से ग़लत समझेगा?

उसे काफ़ी बुरा लग रहा था कि काश आँश अभी उसके पास होता, उसका ख़्याल रखता। काश आँश नर्स की जगह खुद उसे अपने हाथों से सूप और मेडिसिन खिलाता, लेकिन यह सब तो जानवी के ख़्वाब में ही हो सकता था।

क्योंकि आँश को तो उसे मोहब्बत ही नहीं थी। जाने को बार-बार बस यही ख़्याल आ रहा था कि क्या आँश इस बार भी उसे ग़लत ही समझेगा और यही सब सोचते हुए जानवी नींद की आगोश में चली जाती है क्योंकि अब तक जानवी पर मेडिसिन का असर होना शुरू हो चुका था।

सुबह के 10:00 बजे जानवी की आँखें खुलती हैं। जानवी अभी भी अपनी आँखें बंद किए हुए वैसे ही बेड से टाँगें लटका बैठ जाती है। उसे अपनी आँखें खोलने का दिल नहीं कर रहा था क्योंकि उसे ऐसा लग रहा था कि वह अब भी अपने सामने आँश को ना देख उसे फिर से बुरा लगेगा। यह सोचते हुए जानवी अपनी आँखें नहीं खोलती।

कि तभी उसे अपने कानों में आँश की आवाज़ आती है, "बड, how are you now?"

आँश की आवाज़ सुन जानवी धीरे से अपनी आँखें खोलकर आँश की तरफ़ देखने लगती है। तो उसे प्यार से अपनी तरफ़ देखते देख जानवी की धड़कन फ़ुल स्पीड से दौड़ने लगी थी। उसे तो यकीन नहीं हो रहा था कि आँश कभी उसे इतना प्यार से भी बात कर सकता है। क्या उसे सब कुछ पता चल गया या फिर यह आने वाले तूफ़ान से पहले की शांति है?

यह सोच जानवी आँश की तरफ़ से मुँह फेर कर वह पैर से फिर टाँगें लटका अपनी आँखें बंद कर लेती है। शायद उसे पता चल गया था कि आँश उसे अब क्या कहने वाला है, क्या इल्ज़ाम लगाने वाला है।

कि तभी जानवी को आँश की आवाज़ आती है, "जानवी तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया कि वह ड्रग्स नहीं मेडिसिन थी?"

आँश के मुँह से "मेडिसिन" शब्द सुन जानवी एक नज़र आँश को देखती है और फिर अपने दर्द भरी एक स्माइल करके दोबारा बेड से टाँगें लटका अपनी आँखें बंद कर लेती है, जैसे उसके आँश की बातों से कोई फ़र्क़ ही ना पड़ा हो।

जानवी को इग्नोर करते देख आँश को जानवी पर गुस्सा आने लगा था, लेकिन आँश अपने गुस्से को कंट्रोल करते हुए बोला, "देखो जानवी, मैं मानता हूँ कि तुम्हारे साथ जो हुआ वह काफ़ी ग़लत था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि तुम मुझसे बातें छुपाओगी। अगर तुमने मुझे पहले ही बता दिया होता तो यह सब ना होता। तो बताओ जानवी कि तुमने मुझे यह सब पहले क्यों नहीं बताया?"

लेकिन जानवी की तरफ़ से कोई रिस्पॉन्स ना मिलता देख अब आँश का गुस्सा और बढ़ने लगा था।

लेकिन फिर भी आँश अपने गुस्से को कंट्रोल करते हुए एक बार और कोशिश करते हुए बोला, "देखो जानवी मैं तुमसे प्यार से पूछ रहा हूँ कि तुम मुझे बताओ कि तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया? अगर तुमने मुझे पहले ही बता दिया होता तो यह सब ना होता।"

लेकिन जानवी ने फिर भी आँश को कोई जवाब नहीं दिया।

जानवी की तरफ़ से कोई जवाब नहीं मिलता देख आँश का गुस्सा सातवें आसमान तक पहुँच गया था। इसलिए आँश जल्दी से जानवी की तरफ़ बढ़ा, उसके कंधों को पकड़ बेड से उठाया, अपने बिल्कुल करीब कर लिया और फिर उसके नेक पर अपनी पकड़ मज़बूत कर उसके फ़ेस को अपने फ़ेस के सामने करते हुए गुस्से गुस्से से चिल्लाते हुए बोला, "क्या तुम बहरी हो? तुम्हें सुनाई नहीं देता कि मैंने क्या तुमसे पूछा? कि तुमने मुझे पहले इंफ़ॉर्म क्यों नहीं किया? अगर किया होता तो यह सब ना होता। कितनी बार एक ही बात तुमसे कहूँ? जानवी तुम पागल हो! तुम्हें समझ क्यों नहीं आता एक बार में? क्यों तुम्हें दिमाग नाम की चीज़ नहीं है? तुम क्या खुद को हीरोइन समझती हो? किसने कहा था तुम्हें अकेले यह सब करने को? यह सब करके तुम क्या जताना चाहती थी?"

और इधर जानवी आँश की बातें सुन उसकी आँखों में पानी आने लगा था, लेकिन फिर भी जानवी अपने आँसुओं को कंट्रोल करते हुए अपनी पूरी ताक़त लगा आँश को खुद से दूर करते हुए बोली, "Just shut up आँश, मैं तुम्हें कुछ भी बताना ज़रूरी नहीं समझती।"

यह कह जानवी फिर से बेड की तरफ़ जाने लगती है कि आँश उसका हाथ पकड़ दोबारा खींचते हुए बोला, "What your mean? तुम्हारा कहने का क्या मतलब है कि मैं तुम्हें बताना ज़रूरी नहीं समझती? क्या तुम भूल गई हो कि तुम मेरे साथ रहती हो, मेरी बीवी बनकर, सो तुम मुझे नहीं बताओगी तो किससे बताओगी?"

कि तभी जानवी आँश की आँखों में देख कुछ ऐसा बोलती है जिसे सुन आँश के होश उड़ जाते हैं।

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